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संदेशखाली मामले से जुड़ी एक महिला ने वापस लिया केस, कहा - भाजपा ने झूठ बोलकर मुझसे हस्ताक्षर करवाये!

 09 May 2024

पश्चिमी बंगाल के संदेशखाली की तीन में से एक महिला ने टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) नेता शाहजहाँ शेख़ के ख़िलाफ़ अपनी शिक़ायत को वापस ले ली है। महिला ने किसी भी तरह का यौन उत्पीड़न होने से इनकार कर दिया है। महिला ने कहा कि भाजपा के लोगों ने पीएम आवास के तहत मुझसे एक सादे कागज़ पर हस्ताक्षर करवाये थे। जिसके बाद थाने ले जाकर टीएमसी नेता के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न का फर्ज़ी मामला दर्ज़ करवाया गया।




 मुझे धमकियां मिल रही हैं


महिला ने शिक़ायत वापस लेने के बाद अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जतायी है। महिला का कहना है कि जब से  उन्होंने शिक़ायत को वापिस लिया है, तभी से उन्हें धमकी भरे कॉल आ रहे हैं। महिला को समाज़ से बहिष्कार करने की धमकी मिल रही है। महिला ने संदेशखाली पुलिस थाने में धमकी को लेकर अपनी शिकायत दर्ज़ करवा दी है।



धोखे से हस्ताक्षर कराये गये..


महिला ने कहा कि हस्ताक्षर करवाने के लिए भाजपा महिला मोर्चा की स्थानीय नेता और अन्य लोग उनके घर आये थे। उन्होंने महिला से एक ख़ाली पेपर पर हस्ताक्षर लिये, जब महिला ने हस्ताक्षर के पीछे का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि पीएम आवास के तहत उनको घर दिया जायेगा, जिसके लिए उनके हस्ताक्षर की जरुरत है।इसके बाद वे महिला को पुलिस थाने ले गए और हस्ताक्षर वाले ख़ाली कागज़ पर महिला की तरफ़ से बयान लिख दिया, जिसके आधार पर पुलिस ने शिक़ायत दर्ज़ कर ली।


भाजपा अब बैकफुट पर..


महिला के शिक़ायत वापस लेने के कारण भाजपा को बहुत बड़ा झटका लगा है। क्योंकि संदेशखाली की कथित घटना को भाजपा और पीएम मोदी ने चुनावी मुद्दा बनाया हुआ है। राज्य की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री शशि पंजा ने कहा कि जो महिलाये अपनी शिक़ायतों को वापस ले रही है, उन्हें भाजपा अंजाम भुगतने की धमकी दे रही है। जिस भाजपा ने संदेशखाली मामले को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया था, आज वही भाजपा महिलाओं को धमकी देने का काम कर रही है।



क्या है संदेशखाली मामला


प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने राशन घोटाले को लेकर टीएमसी नेता शाहजहां के आवास पर छापा मारा था। छापे के दौरान शाहजहां के समर्थकों और ईडी अधिकारियों के बीच झड़प हो गयी। जिसमें कुछ अधिकारी घायल भी हुए थे। कुछ दिनों बाद शाहजहां को ईडी गिरफ़्तार कर लेती है। जिसके कुछ दिनों बाद संदेशखाली की स्थानीय महिलाओं ने शाहजहां और उसके सहयोगियों के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न और जबरन ज़मीन कब्ज़े की शिक़ायत को दर्ज़ करवाया था। जिसके बाद भाजपा पीड़ित महिलाओं के समर्थन में आ गयी। संदेशखाली की घटना ने पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल पैदा कर दिया था। जिसके कारण कुछ स्थानों पर कुछ हिंसक घटनायें भी देखने को मिली थी।